‘आजाद हिंद सेनानी’ खण्ड काव्य के लेखक नन्द कुमार जी से साक्षात्कार

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Interview with author nand kumar

AuthorsWiki को साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय देने के लिए नन्द कुमार जी का धन्यवाद करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि नन्द कुमार जी एक खण्ड काव्य ‘आजाद हिंद सेनानी’ पिछले दिनों ही प्रकाशित हुआ है और आपकी कई साझा संकलनाे में सहभागिता भी रह चुकी है। पेशे से एक शिक्षक लेखक नन्द कुमार जी ने AuthorsWiki को साक्षात्कार के दौरान हिन्दी साहित्य के शुरूवाती सफर से लेकर पुस्तक प्रकाशन तक के अनुभव को शेयर किया। आशा करते हैं कि पाठकों को लेखक नन्द कुमार जी का साक्षात्कार पसंद आएगा। साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं-

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, नमस्कार। हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। यदि आप अपने शब्दों में आप अपना परिचय देंगें, तो सम्मानित पाठक आपके बारे मे ज्यादा जान पायेंगे?

Nand Kumar : मैं नन्द कुमार मेरा जन्म हरदोई जनपद के ग्राम खानूशंकरपुर (ननिहाल ) में हुआ। मेरे पिता श्री चन्द्र प्रकाश और माता श्रीमती सत्यवती हैं। मेरी प्रारम्भिक शिक्षा ग्राम अतर्जी के प्राथमिक विद्यालय में हुई जो कि मेरे पिता जी का पैतृक गाँव था। मैने हाईस्कूल और इण्टर की परीक्षा सेठ बाबूराम भारतीय इण्टर कालेज पाली (हरदोई )से उत्तीर्ण की। आगे की शिक्षा फर्रुखाबाद जनपद से प्राप्त की। बचपन से ही मुझे पुस्तको को पढना बहुत अच्छा लगता था।

AuthorsWiki : आपकी पहली पुस्तक पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है, उसके बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?

Nand Kumar : अभी कुछ दिन पूर्व ही हमारे द्वारा रचित खण्ड काव्य ‘आजाद हिंद सेनानी’ प्राची डिजिटल पब्लिकेशन से प्रकाशित हुआ है, जो नेता जी सुभाषचंद्र बोस के जीवन पर आधारित है। जिसमें नेता जी के अदम्य साहस, देशप्रेम, स्वाभिमान, परोपकार, नेतृत्व कुशलता तथा त्याग की भावना के द्वारा देश के युवाओं में उच्च नैतिक गुणों का विकास करके उन्हें समाज का एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया गया है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास भी है कि इस पुस्तक को पढ़कर देश के नागरिकों खासकर युवाओं के जीवन में एक बङा परिवर्तन होगा।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?

Nand Kumar : मैं पिछले दो वर्षों से बिभिन्न साहित्यिक मंचो पर आयोजित कार्यक्रमों में अपनी रचनाएं भेजता रहा हूँ। सीतापुर से प्रकाशित दैनिक राष्ट्रराज्य में भी हमारी कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है। विभिन्न प्रकाशनों से प्रकाशित 21 साझा काव्य संग्रहों में हमारी रचनाओं का प्रकाशन किया जा चुका है। एक दिन मन में विचार आया कि मैं अपने द्वारा लिखित खण्ड काव्य ‘आजाद हिंद सेनानी’ को प्रकाशित कराकर नेता जी को भाव सुमन अर्पित करूं। फिर मैने प्रकाशक महोदय प्राची डिजिटल पब्लिकेशन से सम्पर्क किया और इस तरह हमारी पुस्तक प्रकाशित हुई।

AuthorsWiki : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?

Nand Kumar : मुझे इस पुस्तक के लेखन में तथ्यों एवं घटनाओं के संकलन में काफी मेहनत करनी पड़ी। प्रकाशक महोदय के सहयोग पूर्ण व्यवहार नें हमारी सारी कठिनाइयों को भुला दिया।

AuthorsWiki : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं?

Nand Kumar : मेरी पहली सृजित रचना शब्द है जो हमारे प्रथम साझा काव्य संग्रह शब्द सागर में प्रकाशित हुई। जिसे पढकर हमारे मित्रों व परिजनों नें काफी सराहा। तब से आज तक मैं निरन्तर काव्य साधना में लगा हुआ हूँ।

AuthorsWiki : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?

Nand Kumar : मेरी सभी रचनाओं पर पाठकवर्ग व मित्र मंडली व परिजनों की सर्वाधिक प्रतिक्रिया प्राप्त होती रहती है। किन्तु खासतौर पर मातृभूमि चालीसा, कलम और मैं, शब्द, जय जवान जय जय किसान तथा पिता कविता को काफी सराहा गया।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?

Nand Kumar : किताब लिखने में मुझे सर्वाधिक सहयोग माता-पिता और अपनें मित्रों से प्राप्त हुआ।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, साहित्य जगत से अब तक आपको कितनी उपलब्धियाँ / सम्मान प्राप्त हो चुके हैं? क्या उनकी जानकारी देना चाहेंगें?

Nand Kumar : बिभिन्न साहित्यिक मंचों व प्रकाशनों से मुझे लगभग 250 सम्मान पत्र प्राप्त हो चुके है।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, आप सबसे ज्यादा लेखन किस विद्या में करतें है? और क्या इस विद्या में लिखना आसान है?

Nand Kumar : मेरे लेखन की मुख्य विधा काव्य है। मुझे कविताएं लिखना और पढना बहुत रुचिकर लगता है। मैने कुछ लघु कहानियां भी लिखी है।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?

Nand Kumar : मैं अपनी दैनिक दिनचर्या में साम के समय प्रतिदिन लगभग एक से दो घण्टे का समय साहित्य के पठन और लेखन में व्यतीत करता हूँ। मेरा मानना है कि एक अच्छा पाठक ही एक एक अच्छा लेखक बन सकता है।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?

Nand Kumar : मै अपनी रचनाओं के लिए अपने आस-पास के परिवेश, व्यक्तियों , समस्याओं तथा महापुरुषों के बारे में अध्ययन कर प्रेरणा प्राप्त करता हूँ।

AuthorsWiki : आपके जीवन में प्राप्त विशेष उपलब्धि या यादगार घटना, जिसे आप हमारे पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहते हैं?

Nand Kumar : यह मेरे बचपन की घटना है। मुझे बचपन से ही पुस्तकों से विशेष लगाव था। मैं अपने यहां लगने बाले रामलीला को देखने गया। मेरी आदत के अनुसार मै किताबों की दुकान पर गया वहां मैने कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का लोपामुद्रा उपन्यास देखा विक्रेता से निकलबाकर पढा तो मन मेें खरीदने की इच्छा हुई मैनें खरीद भी लिया पर घर में डाट न पङे इसलिए पैन्ट मेें छुपाकर उसे घर लाया। मां ने जान लिया कि मैं कुछ छुपाकर लाया हूं। मां नें दिखाने को कहा तो मैने एक अपराधी की तरह डरते हुए पुस्तक को बाहर निकाला। पुस्तक देखकर मां बहुत प्रसन्न हुई और कहा इसमें छुपाने की क्या बात पुस्तकें तो हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है मुझे तुम पर गर्व है कि तुम एक अच्छी पुस्तक खरीदकर लाए।

AuthorsWiki : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?

Nand Kumar : हिन्दी साहित्य में तुलसीदास तथा नागार्जुन को मैं अपना आईडियल मानता हूं। रामचरितमानस , कामायनी , हल्दीघाटी ,गोदान, मैला आंचल तथा मानस का हंस पुस्तके हमारी पसंदीदा पुस्तकें हैं जिन्हें मै हमेशा पढ़ना पसन्द करता हूं।

AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

Nand Kumar : हिन्दी भाषा और साहित्य के उत्थान के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में हिन्दी को अपनाना होगा। आज की स्थिति में ऐसा लगता है कि लेखक तो बहुत है पर पाठकों की संख्या निरन्तर कम हो रही है। हम सभी हिन्दी भाषियों को मिलकर हिन्दी भाषा के उत्थान के लिए प्रयास करना चाहिए। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है हमें अपने जीवन में उनको महत्व देना चाहिए।

AuthorsWiki : साहित्य सृजन के अलावा अन्य शौक या हॉबी, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?

Nand Kumar : साहित्य सृजन के अलाबा मुझे पुस्तकें पढ़ने, पुराने गीत सुनने तथा घूमने का शौक है।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, क्या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?

Nand Kumar : मेरी अगली पुस्तक काव्य संग्रह होगी कब आएगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

AuthorsWiki : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें?

Nand Kumar : नये लेखको से हम यही कहना चाहेंगे कि वह जो लिखें उसमें लोकहित की भावना होनी चाहिए। समाज की समस्याओं को अच्छी तरह समझकर उनके समाधान को ध्यान में रखकर लिखें। अपनी कलम से देश और समाज को जागरूक कर शशक्त बनानें का प्रयास करें।

AuthorsWiki : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?

Nand Kumar : लेखन हमारा शौक है मां शारदे से प्रार्थना करता हूं कि वह सदैव मुझ पर अपनी दयादृष्टि बनाए रखें और हमारी लेखनी निरन्तर चलती रहे मै जीवन पर्यन्त साहित्य साधना में रत रहना चाहता हूं।

AuthorsWiki : नन्द कुमार जी, यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?

Nand Kumar : मै अपने पाठकों शुभचिन्तकों व प्रशंसकों से कहना चाहता हूँ कि वह मुझे अपनी प्रतिक्रिया देते रहें जिससे मै अपनी त्रुटियों का निवारण करता रहूं। आपकी प्रतिक्रियाएं हमारे लिए बहुत ही अमूल्य हैं। आप सभी अपना प्रेम सहयोग और प्रोत्साहन प्रदान करते रहेंगे हम ऐसी आशा करते हैं।

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