
किताब का नाम | लम्हों की खामोशियाँ |
लेखिका | श्रीमती शाहाना परवीन |
पुस्तक का मूल्य | Rs. 175/- |
प्रकाशक | प्राची डिजिटल पब्लिकेशन |
समीक्षक | प्रीति चौधरी |
‘लम्हों की खामोशियाँ ‘आदरणीया शाहाना परवीन जी का प्रथम काव्य संग्रह है। शाहाना जी को बचपन से ही साहित्य में विशेष रूचि थी ।उनके पिताजी सदैव ही उनके लिए प्रेरणा स्रोत रहे। जो अब इस दुनिया में नहीं है। किंतु अपने विचारों और व्यक्तित्व की छाप और प्रभाव शाहाना जी पर छोड़ गए हैं ।शाहाना जी ने अपनी हृदय की भावनाओं को सरल और सुगम भाषा के माध्यम से व्यक्त किया है। उन्होंने पाक्षिक समाचार पत्र ‘सामाजिक आक्रोश’ से लिखना आरंभ किया।
‘लम्हों की खामोशियाँ’ एक अनुपम काव्य संग्रह है, जिसमें कवयित्री ने अपने हृदय की खामोशियों को शब्द रूप में परिणित किया है।
इस काव्य संग्रह में अपनी रचनाओं के माध्यम से शाहाना परवीन जी ने अपने मन के विचारों को सरल और आकर्षक भाषा के द्वारा व्यक्त किया है ।उन्होंने अपने अनुभवों को …जीवन के विभिन्न पहलुओं को…हृदय की अनकही खामोशियों को महसूस करके काव्य पृष्ठ पर उतार दिया है।
कवियत्री शाहाना परवीन जी एक जानी मानी लेखिका भी हैं जिनके लेख गृहशोभा, संगिनी जैसी लोकप्रिय पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
यह किताब ‘भीगे लम्हे’ नामक शीर्षक से अलंकृत एक भावुक रचना से प्रारंभ होती है।
जिसमें कवियित्री अपने पिताजी को याद करती है जो कि स्वर्गवासी हो चुके हैं वह उनकी उपस्थिति आज भी अपने जीवन में अनुभव करती है और अपने उदगारों से काव्य को सुसज्जित करती है, यह रचना अत्यंत हृदय स्पर्शी है। जिसमें कुछ भीगे हुए लम्हे हैं, जो अपने परम् प्रिय की स्मृतियों से परिपूर्ण हैं। शाहाना जी की सभी रचनाएँ उनके लेखन की गहराई को प्रदर्शित करती हैं।
इसमें नारी उत्पीड़न ..नारी का शोषण… समाज में नारी की स्थिति… जैसे ज्वलंत विषयों पर भी शाहाना जी ने पाठक वर्ग का ध्यान आकृष्ट किया है।
‘यूँ उदास न रहो’ नामक कविता में कवयित्री आशाओं का संचार करती हैं और नैराश्य के तिमिर को उर से मिटाने का सार्थक प्रयास करती हैं।
कहीं कवयित्री अपनी मनमोहक कविता के माध्यम से सावन को बुलातीं हैं। कहीं देशवासियों से वृक्षारोपण करने और पर्यावरण संरक्षण करने की जोरदार अपील करती हैं। यह किताब अवश्य ही वर्तमान और आगामी पीढी के लिए वरदान सिद्ध होगी।
प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को इस किताब से पढ़कर एक श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी। यह किताब कवयित्री के भावुक …कोमल..स्वछ…और दयालु हृदय का दर्पण है।
‘दयावान’ नामक कविता के माध्यम से कवयित्री क्रूर और कट्टरपंथी सोच पर प्रहार करती हैं, और दुःखी मानवता के लहूलुहान तन पर स्नेह रूपी लेप लगाती हुई प्रतीत होती हैं।
‘खुशियाँ’ नामक कविता से लेखिका पाठकों को सुंदर संदेश दे रहीं हैं “ऐसी खुशियाँ किस काम की जो किसी को रुलाकर मिलें”
इस एकल काव्य संग्रह में ‘आओ योग करें’, ‘कबहुं नशा न कीजिये’, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ ‘पुस्तकें सच्ची मित्र हैं’ शाहाना जी की ऐसी रचनाएँ हैं जो देश और समाज को नई दिशा प्रदान करेगी।
इतने सारे विषयों को शायद ही किसी अन्य लेखक अथवा लेखिका ने अपनी लेखनी के माध्यम से स्पर्श किया हो, जैसा कि शाहाना जी ने करने का प्रयास किया है। शाहाना जी ने इस काव्य संग्रह में बालगीतों का भी समावेश किया है। जिसके अध्ययन से बच्चे और उनके अभिभावक भी लाभान्वित होंगे ।
यह काव्य संग्रह जनोपयोगी है। अगर इसे गागर में सागर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
About the Book
“लम्हों की खामोशियाँ” काव्य संग्रह में मैने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने मन के विचारों को स्वतंत्र व सरल भाषा में व्यक्त किया है। यह मात्र काव्य संग्रह नहीं है बल्कि यह मेरे जीवन के अच्छे-बुरे अनुभव हैं, जिन्हें मैंने जिस प्रकार अनुभव किया, उन्हें उसी तरह ही पन्नों पर उकेरने का प्रयास किया है। मेरा प्रयास रहा है कि प्रत्येक विषय पर मेरी रचना हो, काफी हद तक मुझे सफलता भी मिली है। आशा है कि मेरे मन के भाव आपके हृदय को छूने का प्रयास करेगें।
-शाहाना परवीन (लेखिका)
Follow on WhatsApp : Subscribe to our official WhatsApp channel to receive alerts whenever new posts are published on AuthorsWiki. Please note, we only share content on WhatsApp channel that is highly relevant and beneficial to authors, ensuring you stay updated with valuable insights, tips, and resources. Follow on WhatsApp
Copyright Notice © Re-publishing of this exclusive post, including but not limited to articles, author interviews, book reviews, and exclusive news published on AuthorsWiki.com, in whole or in part, on any social media platform, newspaper, literary magazine, news website, or blog, is strictly prohibited without prior written permission from AuthorsWiki. This content has been created exclusively for AuthorsWiki by our editorial team or the writer of the article and is protected under applicable copyright laws.
शानदार शाहाना जी