
पिछले दिनों प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा एक महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता‘ प्रकाशित किया गया है, जिसका संपादन प्रीति चौधरी ‘मनोरमा’ जी द्वारा किया गया है। ‘नारी तू अपराजिता’ में देशभर से चुन्निदा कवयित्रियों की रचनाएं शामिल हैं, जिनमें से एक कवयित्री अंजू उदिता जी का साक्षात्कार प्रकाशित किया जा रहा है। प्रस्तुत है ‘नारी तू अपराजिता’ प्रधान साझा काव्य संकलन की एक कवयित्री अंजू उदिता जी से साक्षात्कार-
AuthorsWiki : हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। क्या आप हमारे पाठकों को अपने शब्दों में परिचय देंगें?
Anju Udita : मेरा वास्तविक नाम अंजू रानी है और ‘उदिता’ मेरा साहित्यिक उपनाम है। मेरा जन्म पंजाब के लुधियाना ज़िले में हुआ । मैंने एम .ए. (हिन्दी, राजनीति शास्त्र) बी. एड. की शिक्षा प्राप्त की है। मैं एक प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल में राजनीति शास्त्र की व्याख्याता हूँ।
AuthorsWiki : क्या आप अपनी प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बताना चाहेंगे?
Anju Udita : मेरी एक पुस्तक “नारी तू अपराजिता” प्रकाशित हो चुकी है। दूसरी पुस्तक “काव्य मंजरी” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है। दोनों पुस्तकें साझा काव्य संकलन हैं। इससे पहले मेरी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
AuthorsWiki : पिछले दिनों प्रकाशित साझा संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ में आपकी रचनाएं भी शामिल की गईं है, क्या आप इस साझा संकलन के बारे में बताएंगें?
Anju Udita : “नारी तू अपराजिता” का हिस्सा बनकर मुझे बहुत गर्व अनुभव हो रहा है, जिसके लिए मैं प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की हार्दिक आभारी हूँ। आदरणीया प्रीति चौधरी मनोरमा जी ने इस पुस्तक का सम्पादन बहुत कुशलता से किया है। इस पुस्तक में देशभर से सम्मिलित कवयित्रियों द्वारा नारी जीवन के हर पहलू का चित्रण अत्यंत मार्मिक ढंग से किया गया है।
AuthorsWiki : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
Anju Udita : मेरी पसंदीदा लेखन विधि पद्य है।
AuthorsWiki : किसी भी लेखक या लेखिका के लिए पहली प्रकाशित पुस्तक बहुत ही मायने रखती है और उसके प्रकाशन का अनुभव बहुत खास होता है। क्या आप प्रथम प्रकाशन के उस अनुभव को हमारे पाठकों के बीच साझा करेंगे?
Anju Udita : अपनी कविताओं को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवाना मेरा सपना था। मेरा सपना इतनी जल्दी साकार करने के लिए मैं एक बार फिर से प्राची डिजिटल पब्लिकेशन का आभार प्रकट करती हूँ।
AuthorsWiki : आप साहित्य सृजन कब से कर रहें हैं, अब तक अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देना चाहेंगे?
Anju Udita : मैंने 1989 में देहारादून में अपने मामा जी के पास रहकर हिन्दी साहित्य में एम. ए. तक शिक्षा प्राप्त की है। वहाँ मेरी जो सहेली बनी, वो उत्कृष्ट कोटि की काव्य रचनाओं का सृजन करती थी। उसी की प्रेरणा से मैंने भी कविताएँ लिखना प्रारम्भ किया। “नवोदित साहित्य परिषद देहारादून” की तरफ से हुई प्रतियोगिता में मैंने प्रतिभाग किया। इसमें मुझे कविता और लघुकथा लेखन में पुरस्कार प्राप्त हुआ। इससे प्रोत्साहित होकर तब से मैं निरंतर काव्य रचना कर रही हूँ।
AuthorsWiki : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?
Anju Udita : जी, मैं वर्तमान में भी काव्य रचना कर रही हूँ और भविष्य में भी करती रहूँगी। प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के सहयोग से अपनी एक पुस्तक प्रकाशित करवाने की भी योजना है।
AuthorsWiki : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना चाहेंगें?
Anju Udita : मुझे मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। निराला जी की कविता “राम की शक्ति पूजा” दिनकर जी की “वीर” महादेवी वर्मा जी की “ये गजरे तारों वाले” ऐसी कवितायें मुझे बहुत पसंद हैं।
AuthorsWiki : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
Anju Udita : संगीत सुनना, एंकरिंग करना, बागबानी करना।
AuthorsWiki : आपके जीवन की कोई ऐसी प्रेरक घटना जिसे आप हमारे पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगे?
Anju Udita : जब मैंने काव्य रचना सृजन करना आरंभ किया तो मैं पहले अपनी सहकर्मियों और सहेलियों को सुनाया करती थी। वो “बहुत अच्छा” कहकर मुझे प्रोत्साहित करती थी। इसके अलावा एन. एफ. एल. (जहां मेरे पति काम करते हैं) के अपने क्लब हैं, जहां अक्सर हर त्यौहार से संबन्धित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। वहाँ मैं अपनी कवितायें सुनाती हूँ और एंकरिंग (स्कूल में भी) भी करती हूँ। एंकरिंग में मैं अपने लिखे शेर बोलती हूँ, जिन्हें बहुत पसंद किया जाता था। इन सब से मुझे लेखन के लिए बहुत प्रेरणा मिलती है।
AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
Anju Udita : मुझे हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य से बहुत लगाव है। मेरे अपने शब्दों में –
“ वैज्ञानिक सरल और सरस, इसमें जाता माधुर्य बरस ।
रस और अलंकारों की खान, हिन्दी भाषा बड़ी महान ।”
AuthorsWiki : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
Anju Udita : जी ज़रूर, क्योंकि लेखन से ही मुझे पहचान मिली है।
AuthorsWiki : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
Anju Udita : मैं अपनी कुछ पंक्तियों के माध्यम से पाठकों को छोटा सा संदेश देना चाहती हूँ-
“हर सवेरा लेकर आता है, एक शुभ संदेश खास।
आपका मनोवांछित है, आपके अपने बहुत पास।
बस आपको चाहिए- आस, प्रयास और विश्वास ।”
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