उत्तर प्रदेश, प्रयागराज जिले से साहित्यकार भारतेन्द्र कुमार त्रिपाठी जी से साक्षात्कार

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पिछले दिनों AuthorsWiki टीम को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से साहित्यकार भारतेन्द्र कुमार त्रिपाठी जी का साक्षात्कार प्राप्त हुआ है। AuthorsWiki को साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय देने के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं। भारतेन्द्र कुमार त्रिपाठी जी पहली पुस्तक ‘प्रतिबिम्ब’ प्रकाशित हुई है। AuthorsWiki को दिए गए साक्षात्कार में लेखक ने अपनी साहित्यिक यात्रा को हमारे साथ शेयर किया। आशा करते हैं कि पाठकों को भारतेन्द्र कुमार त्रिपाठी जी का साक्षात्कार पसंद आएगा। साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं-

AuthorsWiki : कृपया संक्षेप में अपने शब्दों में अपना परिचय दें?

Bhartendra Kumar Tripathi : मैं भारतेन्द्र कुमार त्रिपाठी प्रयागराज उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। पेशे से सरकारी शिक्षक हूँ। स्वतंत्र रूप से विभिन्न विधाओं में में लेखन कार्य भी करता हूँ।

AuthorsWiki : क्या आप अपनी प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बताना चाहेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : मेरा काव्य संग्रह मेरा प्रतिबिंब प्रकाशित हो चुका है। इसके अतिरिक्त एक दर्जन साझा संग्रह भी प्रकाशित हो चुके हैं।

AuthorsWiki : पुस्तक प्रकाशन के लिए विचार कैसे बना या कैसे प्रेरित हुए?

Bhartendra Kumar Tripathi : देश विदेश के पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन होता रहता था। मित्रों ने संकलन के लिए प्रोत्साहित किया तो दिमाग में प्रकाशन की योजना बनी। साझा संकलन में प्रकाशकों और रचनाकार मित्रों के आमंत्रण पर प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़ें – लेखकों के बीच पुस्तक प्रकाशन को लेकर कुछ गलत धारणाएं और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ

AuthorsWiki : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?

Bhartendra Kumar Tripathi : काव्य मेरी पसंदीदा विधा है। सबसे अधिक लेखन भी इसी विधा में किया है।

AuthorsWiki : किसी भी लेखक या लेखिका के लिए पहली प्रकाशित पुस्तक बहुत ही मायने रखती है और उसके प्रकाशन का अनुभव बहुत खास होता है। क्या आप प्रथम प्रकाशन के उस अनुभव को हमारे पाठकों के बीच साझा करेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : प्रसिद्ध रचनाकारों की पुस्तकों को देखकर लगता था काश मेरी पुस्तक भी प्रकाशित हो जिससे मेरा जीवन परिचय व मेरे भाव व्यक्त हो। जब वह घड़ी आयी वह अविस्मरणीय पल था।

AuthorsWiki : आप साहित्य सृजन कब से कर रहें हैं, अब तक अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देना चाहेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : दो दशकों से साहित्यिक सृजन का कार्य चल रहा है। मुझे युवा हस्ताक्षर पुरस्कार, श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, काव्य श्री सम्मान, पर्यावरण मित्र सम्मान, साहित्य रत्न सम्मान, शब्द शिल्पी सम्मान, श्रेष्ठ कलमकार सम्मान, इंडियन बेस्टीज अवार्ड, राष्ट्र गौरव सम्मान प्राप्त हो चुका है।

AuthorsWiki : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?

Bhartendra Kumar Tripathi : हां एक नवीन काव्य संग्रह पर काम चल रहा है जो शीघ्र प्रकाशित होगी।

AuthorsWiki : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना चाहेंगें?

Bhartendra Kumar Tripathi : मुझे हरिवंश राय बच्चन,सूर्यकांत त्रिपाठी निराला,महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद पसंद हैं। उनकी रचनाओं को पढ़ने में हमेशा आनंद आता है।

यह भी पढ़ें – पहली बार पुस्तक प्रकाशन करा रहे हैं तो आपको यह बातें जरूर जाननी चाहिए

AuthorsWiki : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?

Bhartendra Kumar Tripathi : मुझे देशाटन बहुत पसंद है। नयी नयी जगहों की यात्रा करना पसंद है। खाना बनाना और क्रिकेट देखना भी पसंद हैं।

AuthorsWiki : आपके जीवन की कोई ऐसी प्रेरक घटना जिसे आप हमारे पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : हां मुझसे मेरी एक दिव्यांग प्रसंशक मिली थी। जो बहुत हिम्मती और संघर्षशील महिला थी। उनका अनुरोध था कि मैं उनपर एक कविता लिखूं। मैंने लिखा और वह प्रकाशित भी हुई।

AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : हिंदी भाषा अपने प्रगति पर पिछले एक दशकों में इसे खूब लेखक और पाठक मिले हैं। अब ज्यादा सहजता से लोगों को मौके मिले रहे हैं और नयी पीड़ी बहुत अच्छा लिख भी रही है। हिंदी भाषा का भविष्य उज्ज्वल है।

AuthorsWiki : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?

Bhartendra Kumar Tripathi : बिल्कुल। मैं जिंदगी के आखिरी वक्त तक लिखना पसंद करूंगा। या यह कहें लिखते लिखते ही मरना चाहूँगा।

AuthorsWiki : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

Bhartendra Kumar Tripathi : अच्छा लिखने के लिए खूब पढ़िये और जो पढ़िए उस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दीजिए। किताबों को पढ़ने, खरीदने और घर पर रखने का शौक पालिए। बहुत सुकून मिलेगा।

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16 COMMENTS

  1. मन को छू लेने वाली रचनाएं होती हैं आपकी सहज भाषा और जीवंत रचनाएं

    • बहुत बहुत धन्यवाद नीरू जी.🙏🙏

    • बहुत बहुत धन्यवाद आकांक्षा. जी💐💐💐

  2. चले हैं जिस सफ़र पर
    उसका कोई अंजाम तो होगा.
    जो हौंसला दे सके ऐसा कोई जाम तो होगा,
    जो दिल में ठान ही ली है,
    कामयाबी को अपना बनाने की
    तो कोई न कोई इंतजाम तो होगा…..

    दिल दिमाग़ में छा जाने वाले रचनाएं, सरल और सहज भाषा,, बहुत ही खूबसूरत, प्रेरणदायी और जीवन्त, पंक्तियां,

    मेरी शुभकामनाएं…..

    • उत्साह वर्धन और स्नेह के लिए आपका बहुत बहुत आभार💐💐

  3. आपका व्यक्तित्व और रचनाएं दोनों ही सहज और सुंदर है, आप यूं ही निरंतर लिखते रहें …शुभकामनाएं🙏🙏🙏🙏🙏

  4. आप जैसे प्रतिभावान व्यक्ति का सानिध्य मेरा सौभाग्य है ।
    आपकी हर रचना ह्रदयस्पर्शी होती है । और इसीप्रकार आपका साक्षात्कार भी प्रेरक है ।
    आपके उज्ज्वल भविष्य की अनेकोनेक शुभकामनाएं ।
    बबिता वर्मा

    • बबिता जी आपका स्नेह और आपकी प्रेरणा सदा बनी रहे.मेरे रचनाओं की प्रेरणा में भी आप शामिल है.💐💐💐💐

  5. आपकी सभी रचनाएं हृदय स्पर्शी,सहज तथा जीवंत है। आशा है आगे भी हमें बहुत सारी रचनाएं पढ़ने का सौभाग्य मिलेगा।

    • बहुत बहुत धन्यवाद वीनू जी.आप सबका स्नेह आशीर्वाद सदा बना रहे यही कामना है.

  6. आपकी सभी रचनाएं हृदय स्पर्शी,सहज तथा जीवंत है। आशा है आगे भी हमें बहुत सारी रचनाएं पढ़ने का सौभाग्य मिलेगा🙏🙏

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