
पिछले दिनों ही प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के संयुक्त तत्वाधान में श्रमिक की व्यथा साझा काव्य संग्रह प्रकाशित किया गया था। जिसमें देश भर से कई कवियो ने प्रतिभाग किया था, जिनमें से कुछ कवियो के साक्षात्कार प्रकाशित किये जा रहे हैं। बाकी अन्य सम्मानित कवियों के साक्षात्कार जल्द ही प्रकाशित होने वाले काव्य संग्रह ‘काव्य प्रभा’ के बाद प्रकाशित किये जाऐगें, क्योंकि बाकी अन्य सम्मानित कविगण काव्य संग्रह काव्य प्रभा में भी प्रतिभाग कर रहें है। पेश है ‘श्रमिक की व्यथा’ काव्य संग्रह के एक लेखक आक़िब जावेद जी से साक्षात्कार-
AuthorsWiki : यदि आप अपने शब्दों में हमारे और आपके सम्मानित पाठकों को अपना परिचय देंगें, तो पाठकों बहुत अच्छा लगेगा?
Aqib Javed : मेरा नाम आकिब जावेद है। पिता – श्री मो.लतीफ़, माता- श्रीमती नूरजहां। मैं एक छोटे से क़स्बे बिसंडा जिला बाँदा (उत्तर प्रदेश) का निवासी हूँ। प्रारम्भिक शिक्षा गृह जनपद में हुई है। जन्म- 06-02-1993 को एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है। शिक्षा- स्नातक कंप्यूटर साइंस, उत्तीर्ण- प्रथम श्रेणी, सत्र-2012, कालेज- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा (मध्य प्रदेश) तथा परास्नातक-MA History BU University Jhansi UP से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है। इस समय बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ। कुछ लिखने का बचपन से ही शौख रहा हैं। समाज की बुराइयों पर कटाक्ष का माध्यम अपने ग़ज़ल,कविता,कहानी के माध्यम से रखने की कोशिश करता रहता हूँ,कुछ सीख रहा हूँ,लिख रहा हूँ। समाज कार्य को करने की कोशिश रहती हैं।
AuthorsWiki : हाल ही में आपका साझा काव्य संग्रह ‘श्रमिक की व्यथा’ प्रकाशित हुआ है, इसमें शामिल होने के पीछे क्या कारण रहा?
Aqib Javed : मैं खुद एक श्रमिक परिवार में पैदा हुआ हूँ। पिता ने हमेशा से मेहनत किया है एवं हम सब को मेहनत से पाला है माँ खुद सिलाई का कार्य करती थी। बचपन से ही हम संघर्ष की देख रहे है जी रहे है। अभी हाल ही में कोरोना की वजह से बहुत से लोगों की नौकरी गई है। श्र मिक मजदूर वर्ग परेशान सा हो गया है। लोग पैदल ही घर की तरफ बढ़ चले। रास्ते में अनेक तकलीफों का सामना करना पड़ा। यही सब देख कर कविता “गम की चादर ओढ़कर” रचना का जन्म हुआ।
AuthorsWiki : साहित्यिक सेवा के लिए आपको अब तक कितने सम्मान प्राप्त हुए हैं? क्या आप उनके बारे मे कोई जानकारी देना चाहेंगे?
Aqib Javed : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान प्रदान किया गया है। काव्यांचल “छंद रथी” साहित्यदीप” साहित्य प्रज्ञा” काव्यन्चल “काव्यांचल आवाज” तूलिका बहु विधा “अतुकांत काव्य गौरव” “कागज़ दिल साहित्य प्रसून” सम्मान साहित्य सागर काव्य गौरव सम्मान सोपान “उत्कृष्ठ रचनाकार सम्मान रिवायत रत्न सम्मान आदि सम्मान प्राप्त हुए।
AuthorsWiki : क्या आपकी पूर्व में कोई पुस्तक प्रकाशित हुई है? यदि हाँ तो आपकी पहली पुस्तक के बारे में बताएं?
Aqib Javed : “नज़र” ई पुस्तक अमेज़ॉन में उपलब्ध है। विभिन्न काव्य संग्रह आदि में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है।
AuthorsWiki : लेखन के अलावा आप क्या व्यवसाय करते है?
Aqib Javed : बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ।
AuthorsWiki : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
Aqib Javed : ग़ज़ल, हाइकु, नज़्म, अतुकांत, छणिका।
AuthorsWiki : आप अपनी रचनाओं के लिए कहां से प्रेरणा प्राप्त करते हैं?
Aqib Javed : अपनी ज़िंदगी में होने वाली घटनाओं से, समाज से।
AuthorsWiki : आपका सबसे प्रिय लेखक / लेखिका और उनकी रचनाएँ / किताब?
Aqib Javed : राहत इन्दौरी,कुमार विश्वास,मीर, ग़ालिब, प्रेमचंद्र,दुष्यन्त कुमार, ख़ुमार देहलवी, मीर तकी मीर, अमीर ख़ुसरो।
AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
Aqib Javed : हिंदी भाषा का निरन्तर विकास होता जा रहा है। सोसल मीडिया में भी निरन्तर लोग हिंदी में ही बात कर रहे है। हिन्दी लिपी का प्रयोग किया जा रहा है।
AuthorsWiki : वर्तमान व्यवसाय और लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
Aqib Javed : मूवी देखना, सोना, गाना सुनना, पुस्तक पढ़ना आदि।
AuthorsWiki : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?
Aqib Javed : ग़ज़ल की पुस्तक जल्द आप सभी के बीच होगी। भविष्य में एक उपन्यास लिखने का विचार है।
AuthorsWiki : नवोदित या साथी लेखकों को क्या सलाह देना चाहेगें?
Aqib Javed : मस्त रहे, स्वस्थ्य रहे, सावधान रहें, हँसते रहे, लिखते रहे। अफवाहो से बचे अपना कार्य ईमानदारी से करते रहें।
AuthorsWiki : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
Aqib Javed : आप सभी का प्यार ऐसे ही बना रहे। अपनी मुहब्बत दुआओ से हमें नवाज़ते रहे।
About the ‘Shramik Ki Vyatha’ Book
लॉकडाउन के दौरान एक तबका जिसे मजदूर के नाम से जाना जाता है, जिनके मजबूत कंधे देश को मजबूत बनाते है, जिनका कठोर परिश्रम किसी फैक्ट्री, बिल्डिंग को बनाने में अपना सहयोग देते हैं, उन्हें लॉकडाउन के कारण अपने गांवों को लौटना पड़ा था। ऐसे में उनकी मनोदशा और पीड़ा को श्रमिक की व्यथा काव्य संग्रह में शामिल सम्मानित कवियों ने अपनी कलम से पाठकों के सामने रखने का बहुत सुन्दर प्रयास किया है। ताकि आप भी मजदूर कहे जाने वाले देश के मजबूत कंधे लिए श्रमिकों की मनाेदशा और पीड़ा को सम्मानित कवियों के रचनाओं में महसूस कर सकें।
Follow on WhatsApp : Subscribe to our official WhatsApp channel to receive alerts whenever new posts are published on AuthorsWiki. Please note, we only share content on WhatsApp channel that is highly relevant and beneficial to authors, ensuring you stay updated with valuable insights, tips, and resources. Follow on WhatsApp
Copyright Notice © Re-publishing of this exclusive post, including but not limited to articles, author interviews, book reviews, and exclusive news published on AuthorsWiki.com, in whole or in part, on any social media platform, newspaper, literary magazine, news website, or blog, is strictly prohibited without prior written permission from AuthorsWiki. This content has been created exclusively for AuthorsWiki by our editorial team or the writer of the article and is protected under applicable copyright laws.