काव्य संग्रह ‘काव्य लहरी’ की लेखिका शोभा प्रसाद वर्मा जी से साक्षात्कार

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पिछले दिनों बिजनेस वूमेन एवं कवयित्री शोभा प्रसाद वर्मा जी का काव्य संग्रह ‘काव्य लहरी’ प्रकाशित हुआ है। AuthorsWiki द्वारा शोभा प्रसाद वर्मा जी का साक्षात्कार किया गया और साक्षात्कार में हमने उनकी नई किताब के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनकी साहित्य यात्रा के बारे में जानने का भी अवसर मिला। शोभा प्रसाद वर्मा जी ने हमारे सवालों के सरल जवाब देते हुए अपने जीवन से जुड़ीं कई बातें भी बताईं। पेश हैं आपके लिए साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश-

AuthorsWiki : शोभा जी, नमस्कार। हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। यदि आप अपने शब्दों में आप अपना परिचय देंगें, तो सम्मानित पाठक आपके बारे मे ज्यादा जान पायेंगे?

शोभा प्रसाद वर्मा : नमस्कार आदरणीय / आदरणीय प्रबुद्धगण, सुधीजन!! मैं शोभा प्रसाद वर्मा, गुरुग्राम से हूँ। इन दिनों San Fransisco, USA में रह रही हूँ। मैं एक सफल उद्यमी महिला रही हूँ । मैं SAIL REGD CO की मालकिन रही हूँ। मेरे पतिदेव स्व. कमलेश्वरी प्रसाद जी Mechanical Engineer, Bokaro Steel Plant, SAIL से रिटायर्ड हुए थे और वर्ष 2010 तक हमारा परिवार बोकारो इस्पात नगर, झारखंड में रहते थे। वर्ष 2011 में गुरुग्राम में आ गये, बस से गुरूग्राम के होकर रह गये हैं। हमारे दो पुत्र-रत्न एवं दो पुत्री-रत्ना हैं और सौभाग्य से एक नवासा, एक नवासी तथा एक पोता है। सभी अपनी ज़िंदगी में ख़ुशहाल और व्यस्त हैं।

AuthorsWiki : आपकी पहली पुस्तक पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है, उसके बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?

शोभा प्रसाद वर्मा : ‘काव्य लहरी’ मेरी पहली पुस्तक प्रकाशित हुई है। मेरी छोटी ख़्वाहिश है कि मैं कायनात में घटित या प्रतिपादित होती हर विषय को हर लम्हे को अपनी लेखनी में स्थान दूँ, स्याही से काग़ज़ के पन्ने पर उतार दूँ। मैंने कोशिश की है कि अपने स्नेहिल, प्रबुद्ध, सम्मानित एवं इच्छुक पाठकगण को अपने खूबसूरत विधाता, संबंधों, प्रकृति, महान विभूतियों, वास्तविकता में मोहब्बत-रज़ा, जज़्बात, तुलना, यानि हर रस का रसास्वादन कराऊँ।

AuthorsWiki : शोभा जी, पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?

शोभा प्रसाद वर्मा : 2018 में मैं अपने जीवन के उस पड़ाव पर खड़ी थी, जहाँ दर्पण भी साथ छोड़ देता है। मेरा अंतर्मन क्षत-विक्षत था, न जाने कहाँ खो गई थी। मैंने और तब अपनी चेतन-शक्ति को जगाया, वक़्त ने भी प्रेरित किया और मैंने ठाना कि मैं कुछ रचूँगी, प्रकाशित करवाऊँगी कि मैंने स्वयं को ढूँढ लिया है।

AuthorsWiki : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?

शोभा प्रसाद वर्मा : मेरे पास अनुभव की कमी थी, किंतु साथ था वक़्त का विश्वास, अपनी क्षमता का आधार। वैसे तो मैं एक उद्यमी महिला रही थी, मुझे उसकी जानकारी थी, किंतु लेखन की विशिष्टता, प्रकाशन की अनुभूति से मरहूम थी, लेकिन मैंने कोशिश की। कहीं से विशिष्ट प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की जानकारी मिली, उन्होंने मेरा साथ देना स्वीकारा और फल आपके समक्ष है। प्राची एवं ग्रुप को विशेष धन्यवाद!

AuthorsWiki : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं?

शोभा प्रसाद वर्मा : मेरी पहली सृजित रचना ‘विदाई’ है। दुर्भाग्यवश, मेरे पति स्व. कमलेश्वरी प्रसाद (Mechanical Engineer) 2018 में अंतिम सांस लिए। मैं नितांत तन्हा हो गई थी। मैं उनके अंतिम विदाई का दृश्य भूल ही नहीं पाती और यही वेदना मेरी प्रथम रचना ‘विदाई’ बनकर पन्नों पर अंकित हुई।

AuthorsWiki : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसेज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?

शोभा प्रसाद वर्मा : जी हाँ। एक रचना है ‘मेरे लिए कौन हो तुम, सबकुछ प्रिये!’ मेरे बच्चों एवं बहनों से इसकी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। कुछ पटल पर भी इसकी प्रतिक्रिया बहुत ही उम्दा रही, जिससे मेरी मुस्कान बनी रही।

AuthorsWiki : शोभा जी, किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?

शोभा प्रसाद वर्मा : साहित्य सृजन के दौरान घर का शांत-स्वस्थ खूबसूरत वातावरण एवं मेरे छोटे सुपुत्र अंकित रंजन, छोटी सुपुत्री अमृता रिमझिम का मेरा उत्साह बढ़ाना, यहाँ तक के सफ़र का खूबसूरत हिस्सा है। मेरी छोटी बहू प्रियंका कुमार ने मुझे घर-गृहस्थी से पूर्णतया बाइज़्ज़त बरी रखा है, यह मेरा प्रबल सहारा रहा है।

AuthorsWiki : शोभा जी, साहित्य जगत से अब तक आपको कितनी उपलब्धियाँ / सम्मान प्राप्त हो चुके हैं? क्या उनकी जानकारी देना चाहेंगें?

शोभा प्रसाद वर्मा : साहित्य -जगत में मैं नवांकुर हूँ, फिर भी मुझे तक़रीबन अस्सी-नब्बे सम्मान-पत्र तथा 2 गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड से सम्मानित किया गया है। अनेक मौक़े पर मैं सर्वश्रेष्ठ सृजन की भागीदार बनी हूँ, एकल पाठ के लिए श्रेष्ठ कलमकार से सम्मानित की गई हूँ।

AuthorsWiki : शोभा जी, आप सबसे ज्यादा लेखन किस विद्या में करतें है? और क्या इस विद्या में लिखना आसान है?

शोभा प्रसाद वर्मा : मुझे शृंगार-रस में काव्य लिखना जंचता है तथा मैं तस्वीर पर काव्य अच्छा कर लेती हूँ। ( वैसे मैं सम-सामयिक या किसी भी विषय पर लिख सकती हूँ।) मैं एक रचनाकार हूँ, मुझे हर रस एवं सम-सामयिक विषय या जागृति पर साहित्य सृजन करना चाहिए।

AuthorsWiki : शोभा जी, आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?

शोभा प्रसाद वर्मा : वैसे तो मेरी सृजनशीलता रात की एकांतवास में जागृत होती है, किंतु मैं स्वास्थ्य को मद्देनज़र रखते दिन में दस बजे के बाद लिखती हूँ। ( प्रतिदिन कुछ घंटे कोशिश करती हूँ कि कुछ पढ़ूँ और कुछ लिखूँ।)

AuthorsWiki : शोभा जी, आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?

शोभा प्रसाद वर्मा : वक़्त की नज़ाकत से और अपने खुबसूरत एहसासों से।

AuthorsWiki : आपके जीवन में प्राप्त विशेष उपलब्धि या यादगार घटना, जिसे आप हमारे पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहते हैं?

शोभा प्रसाद वर्मा : जी हाँ!! मेरा प्रथम सम्मान-पत्र ‘राष्ट्रपति अवार्ड’ (प्रेसीडेंट्स गाइड के लिए भूतपूर्व राष्ट्रपति वी. वी. गिरी से 1979 में मिली थी, जब मैं कक्षा 8 की छात्रा थी।) मेरी सबसे यादगार लम्हा है।

AuthorsWiki : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकीपसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?

शोभा प्रसाद वर्मा : मैंने पद्मभूषण महाकवि गोपालदास नीरज की कुछ कृतियाँ पढ़ीं हैं। उनकी चंद पंक्तियाँ मुझे पसंद हैं:-

‘सफ़र उतना आसान रहेगा,
जितना कम सामान रहेगा।

जितनी भारी गठरी होगी,
उतना तू हैरान रहेगा।।’

इसके अलावा मुझे रीडर्स डाइजेस्ट एवं कादम्बिनी पढ़ना पसंद है।

AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

शोभा प्रसाद वर्मा : अवश्य! हिंदी की अभिलाषा, हिंदी बने राष्ट्र भाषा। कुछ हिंदी के खूबसूरत एवं मूल्यवान शब्द रचनाओं में निखार-स्वरूप एवं कुछ जागृति-स्वरूप आने चाहिए ।

AuthorsWiki :साहित्य सृजन के अलावा अन्य शौक या हॉबी, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?

शोभा प्रसाद वर्मा : संगीत सुनना।

AuthorsWiki : शोभा जी, क्या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?

शोभा प्रसाद वर्मा : अगली किताब ‘काव्य लहरी-भाग 2’ रहेगी।

AuthorsWiki : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें?

शोभा प्रसाद वर्मा : चंद लाईनें नये लेखकों के लिए-

‘मेहनत रंग लाती है ज़रूर,
रख के विश्वास कृति सुरूर।
हाथों में हिना, तब लुभाती है,
हाथ रचाएँ, फिर रंग लाती है।

AuthorsWiki : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?

शोभा प्रसाद वर्मा : अति अवश्य, खुदा-ए-इनायत ।

AuthorsWiki : शोभा जी, यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?

शोभा प्रसाद वर्मा : आपकी ख़ुशियाँ बरकरार रहे, आप सुरक्षित रहें, आगे बढ़ें, मेरी शुभ-कामनाएँ आपके लिए। आपका आशीष और मेरी कृति के प्रति विश्वास मेरा पुरस्कार होगा। सादर आभार!!

आप शोभा प्रसाद वर्मा जी की पुस्तक ‘काव्य लहरी’ को अमेजन या फ्लिपकार्ट से खरीद सकते हैं।

Visit for know more about the book – Kavya Lahari

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