
पिछले दिनों प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा एक महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता‘ प्रकाशित किया गया है, जिसका संपादन प्रीति चौधरी ‘मनोरमा’ जी द्वारा किया गया है। ‘नारी तू अपराजिता’ में देशभर से चुन्निदा कवयित्रियों की रचनाएं शामिल हैं, जिनमें से एक कवयित्री राधा शर्मा जी का साक्षात्कार प्रकाशित किया जा रहा है। प्रस्तुत है ‘नारी तू अपराजिता’ प्रधान साझा काव्य संकलन की एक कवयित्री राधा शर्मा जी से साक्षात्कार-
AuthorsWiki : हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। क्या आप हमारे पाठकों को अपने शब्दों में परिचय देंगें?
Radha Sharma : मेरा नाम राधा शर्मा है, मेरा निवास स्थान दिल्ली है। पिछले 16 वर्षों से में शिक्षण क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस समय मैं अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल में संस्कृत तथा हिंदी पढ़ाती हूँ।
AuthorsWiki : क्या आप अपनी प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बताना चाहेंगे?
Radha Sharma : पहली बार मेरी रचनाएँ हिंदी भाषा सहोदरी द्वारा ‘प्रकाशित सोपान-7’ में छपी थी। यह एक साँझा काव्य संकलन था। उसके बाद ‘प्राची डिजिटल पब्लिकेशन’ द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘नारी तू अपराजिता’ में मेरी रचनाएँ छपी। यह भी एक साँझा काव्य संकलन है।
AuthorsWiki : पिछले दिनों प्रकाशित साझा संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ में आपकी रचनाएं भी शामिल की गईं है, क्या आप इस साझा संकलन के बारे में बताएंगें?
Radha Sharma : ‘नारी तू अपराजिता’ अपने आप में एक उत्कृष्ट श्रेणी की पुस्तक है जिसमें नारी के विभिन्न पक्षों का बहुत ही शोभनीय वर्णन किया गया है। जिसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।
AuthorsWiki : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
Radha Sharma : विषयाधारित गद्य और पद्य दोनों में ही लेखन कार्य करना मुझे अच्छा लगता है।
AuthorsWiki : किसी भी लेखक या लेखिका के लिए पहली प्रकाशित पुस्तक बहुत ही मायने रखती है और उसके प्रकाशन का अनुभव बहुत खास होता है। क्या आप प्रथम प्रकाशन के उस अनुभव को हमारे पाठकों के बीच साझा करेंगे?
Radha Sharma : जी हाँ , मैं आपकी इस बात से सहमत हूँ। जब हिंदी भाषा सहोदरी द्वारा आयोजित काव्य समारोह में मुझे अपनी रचना प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला तो मेरे लिए हर्ष का विषय था क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन इतने बड़े रंगमच पर और जाने माने कवि और कवयित्रों के बीच अपनी कविता प्रस्तुत करुँगी।
AuthorsWiki : आप साहित्य सृजन कब से कर रहें हैं, अब तक अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देना चाहेंगे?
Radha Sharma : जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी, तब मैं अपनी डायरी में कुछ शायराना अंदाज में लिखती थी। उसके बाद कुछ आलेख और कविताएँ भी मैंने लिखी। अपनी प्रकाशि पुस्तकों के बारे में मैं पहले ही चर्चा कर चुकी हूँ।
AuthorsWiki : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?
Radha Sharma : नहीं ऐसा मैंने अभी नहीं सोचा है क्योंकि अभी मुझे अभी साहित्य विधा से बहुत कुछ सीखना है। विभिन्न साँझा काव्य संकलनों के लिए में अभी अपने लेख और रचनाएँ लिख रही हूँ।
AuthorsWiki : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना चाहेंगें?
Radha Sharma : जो कविताएँ और कहानियाँ मेरे मन को छू जाती हैं वो सभी लेखक मुझे पंसद हैं। वैसे मुझे मुंशी प्रेमचन्द्र और संस्कृत साहित्य के कवि कालिदास की लिखी पुस्तकें पढ़ने का शौक है।
AuthorsWiki : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
Radha Sharma : लिखने के अलावा मुझे कुकिंग का, गाने सुनने तथा पुस्तकें पढ़ने का भी शौक है।
AuthorsWiki : आपके जीवन की कोई ऐसी प्रेरक घटना जिसे आप हमारे पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगे?
Radha Sharma : मुझे याद है जब मैं अपनी कविताओं को अपने मित्रों के साथ शेयर करती थी तो वो मेरी कविताओं और लेखों को सुनकर न केवल प्रसन्न होते थे अपितु मुझे और लिखने के लिए प्रेरित भी करते थे। शायद आज उन्हीं के आशीर्वादों से आज मैं यहाँ तक पहुँची हूँ।
AuthorsWiki : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
Radha Sharma : हिन्दी भाषा में मनोभावों को व्यक्त करने की वह अद्भुत क्षमता है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना नामुमकिन है क्योंकि जिस भाषा में हम अपने सपने सँजोते हैं उसी भाषा में उसको हम बयां कर पाते हैं वह दिन दूर नहीं जब पूरा हिन्दुस्तान इस बात को समझेगा।
AuthorsWiki : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
Radha Sharma : जी हाँ, मैं भी लेखन क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहती हूँ।
AuthorsWiki : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
Radha Sharma : मुझे लगता है कि लेखन प्रतिभा प्रत्येक व्यक्ति के अंदर विद्यमान है। बस आवश्यकता उसको पहचानने की। हो सकता आने वाला प्रसिद्ध कवि या कवयित्री आप में से ही कोई हो? तो आइए अपने मनोभावों को लेखन द्वारा व्यक्त करें।
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