Khyaal by Dr. Pradeep Kumar Sumanakshar

0

मेरी पुस्तक ‘ख्याल’ आपके हाथो में है और ये आप स्वयं महसूस कर सकते हो की कल्पना होते हुए भी वो केवल ख्याल मात्र नहीं है! वो शब्द जरुर है मगर उन शब्दों में जीवन है, भावनाएं है, गति है, जो एक मन से निकल कर दुसरे के मन को छू सकते है! अपने होने का अहसास करा सकते है, और ये ही साहित्य, कला या प्रेम का गुण है विशेषता है! ख्याल जीवन है, जीवन जीने की प्रेरणा है! अगर ख्यालो- खवाबों को जिन्दगी से निकल दें तो बस ……….. मानो जीवन, संसार विचार शून्य सा हो जाता है! रंगीन जिन्दगी मानो श्याम- श्वेत चित्र के मानद हो जाती है जिसमे सब कुछ है मगर रंग ही नहीं, उल्लास ही नहीं!

इस पुस्तक को यहां से प्राप्त कर सकते हैं-

Khyaal by Dr. Pradeep Kumar Sumanakshar Khyaal by Dr. Pradeep Kumar Sumanakshar Khyaal by Dr. Pradeep Kumar Sumanakshar Khyaal by Dr. Pradeep Kumar Sumanakshar

Author
ISBN
978-93-87856-05-9
Language
Hindi
Binding
Paperback
Genre
Poetry
Pages
92
Publishing Year
January, 2020
Publisher

 

About the Author

लेखक डॉ. प्रदीप कुमार सुमनाक्षर ने दिल्ली विश्व विद्यालय से बी.ए., एम.ए. (राज. विज्ञान) एवं एम. लिब. की शिक्षा प्राप्त की है। साथ ही आपको विध्यावाचस्पति और विधाविशारद (मानद) उपाधियाँ प्राप्त है। डॉ. प्रदीप कविता मंच, नई दिल्ली के अध्यक्ष और नीरज फेन्स क्लब, दिल्ली के सचिव भी है। लेखक की अब तक दर्जन भर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन्हें पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया जा चुका है।

LEAVE A REPLY

Thanks for choosing to leave a comment. Please keep in mind that all comments are moderated according to our comment policy, and your email address will not be published. Please do not use keywords in the name field. Let us have a meaningful conversation.

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!